उत्तराखंड

संस्कृत महाविद्यालय में विद्यालयों में अस्थाई प्रधानाचार्य को स्थाई करें राज्य सरकार

हरिद्वार(मौहम्मद नाज़िम)– समाजवादी पार्टी के प्रदेश सचिव महंत शुभम गिरी ने कहा कि संस्कृत महाविद्यालय विद्यालय में जिस तरह से प्रधानाचार्य अध्यापकों के पद खाली है और कई महाविद्यालय विद्यालयों में प्रधानाचार्य अस्थाई रूप से कार्य कर रहे हैं लेकिन स्थाई प्रधानाचार्य वहां पर नहीं है क्योंकि अस्थाई प्रधानाचार्य लगभग 7 ,8 वर्षों से महाविद्यालय में कार्य कर रहे हैं लेकिन अभी तक स्थाई प्रधानाचार्य कई महाविद्यालय में नहीं किए गए हैं क्योंकि उत्तराखंड में संस्कृत द्वितीय राजभाषा है लेकिन संस्कृत में धरातल में कोई कार्य नहीं हो पाया है ना की संस्कृत विद्यालयों में शिक्षकों की कमी होने के कारण शिक्षकों की नियुक्ति नहीं की गई है और साथ में भाजपा दावा करती है कि संस्कृत के लिए हमें कार्य करेंगे लेकिन अभी तक संस्कृत का कोई कार्य नहीं किया गया है तत्कालीन उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार केदारनाथ से बलिया तक संस्कृत अध्यापकों को नियमित किया था और संस्कृत अध्यापकों को 6 महा का वेतन जो मिलता था उन्हें कमें किया गया था और उसे समय माननीय नेताजी श्री मुलायम सिंह यादव जी ने संस्कृत अध्यापकों के लिए ऐसा कार्य किया था जो आज तक उत्तर प्रदेश उत्तराखंड में याद किया जाता है और पैसा कोई कार्य सरकार नहीं कर पाई केवल नारायण तिवारी जी के शासनकाल में उत्तराखंड संस्कृत अकादमी उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय की स्थापना हुई थी लेकिन सरकार कुछ नहीं कर पा रही है केवल सरकार संस्कृत के नाम प्रयोग करती है लेकिन संस्कृत के लिए कोई विकास कार्य नहीं करती और ना की संस्कृत छात्रों के लिए संस्कृत अध्यापकों के लिए कोई भी कार्य नहीं करती!

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