बिग ब्रेकिंग- 44 साल के विक्रम सिंह को मिला नया जीवनदान, एम्स के डॉक्टरों ने बचाई जान
बिग ब्रेकिंग- 44 साल के विक्रम सिंह को मिला नया जीवनदान, एम्स के डॉक्टरों ने बचाई जान
फेफड़ें में था सवा तीन किलो का ट्यूमर
मूल रूप से चमोली के रहने वाले 44 साल के विक्रम सिंह को छाती में दर्द की परेशानी जुलाई 2023 में शुरू हुई थी। लगभग एक साल से वह छाती में होने वाले तीव्र दर्द से परेशान थे। विक्रम ने बताया कि उनके बायें फेफड़े में एक बड़े साईज का ट्यूमर बन जाने से स्थिति क्रिटिकल हो गयी थी। कई अस्पतालों के चक्कर काटे लेकिन थोरेसिक सर्जन न होने के कारण इलाज नहीं हुआ। लास्ट में वह अपनी उम्मीद लेकर एम्स ऋषिकेश पहंुचे। जहां सीटीवीएस विभाग के डाॅक्टरों ने 11 जून को ओपन सर्जरी के माध्यम से ट्यूमर निकालने में सफलता हासिल की। उन्होंने बताया कि अब वह स्वस्थ हैं और उन्हें पूरा आराम है। लगभग 22 सेमी साईज और सवा तीन किलो वजन के ट्यूमर को निकालने में एम्स के सीटीवीएस विभाग के अनुभवी थोरेसिक सर्जन डाॅ. अंशुमान दरबारी और डाॅ. अविनाश का विशेष योगदान रहा। डाॅक्टरों का कहना है कि ट्यूमर निकालने में विलम्ब हो जाता तो यह फेफड़े को पूरी तरह दबाने के साथ-साथ कभी भी दाएं फेफड़े को भी अपनी चपेट में ले सकता था।
संस्थान की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर मीनू सिंह ने सर्जरी करने वाली चिकित्सकों की टीम की प्रशंसा की और कहा कि एम्स ऋषिकेश, थोरेसिक और छाती से जुडी सभी बीमारियों का इलाज व सर्जरी करने में सक्षम है। उन्होंने बताया कि राज्य के सरकारी अस्पतालों में केवल एम्स में ही थोरेसिक सर्जरी की सुविधा है और इस परेशानी से जूझ रहे लोग एम्स में अपना इलाज करवा सकते हैं। प्रो. मीनू ने बताया कि पेशेन्ट विक्रम अब स्वस्थ है और स्वयं को बेहतर महसूस कर रहे हैं।