उत्तराखंडनैनबाग

जौनपुर क्षेत्र में धूमधाम से मनाया दुबड़ी पर्व 

जौनपुर क्षेत्र में धूमधाम से मनाया दुबड़ी पर्व 

नैनबाग (राजीव डोभाल)- देवभूमि उत्तराखंड के जौनपुर में लोक संस्कृति लोक कला गाथाओं रीति रिवाज व पौराणिक त्योहारों को संजोए रखा है। इसमें जौनपुर क्षेत्र के कहीं त्यौहारों का अपने आप में अलग ही महत्व है ।इसमें से एक पारंपरिक त्यौहार दुबड़ी पर्व भी है। जो की जौनपुर क्षेत्र के सही गांव में मनाया जाता है। संस्कृति , अपने रीति रिवाज आपसी भाई चारा मेल मिलाप का प्रतीक माना जाता है। तथा मोटे अनाज की अच्छी फसल की खुशी में यह पर्व बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। जौनपुर क्षेत्र के खैराड़, नकोट, मसरास, सेंदुल, कुदाऊ, खेड़ा, पापरा,मोलदार ,बंगशील, आदि गांव में दुबड़ी पर्व  बड़ी धूमधाम से जन्माष्टमी के साथ साथ  मनाया गया।
इस दौरान ग्रामीणों ने अपने कुलदेव की पूजा अर्चना कर क्षेत्र की खुशहाली समृद्धि की कामना की वहीं जौनपुरी पारंपरिक ढोल दमोह की थाप पर ग्रामीणों ने रासो, तांदी नृत्य के साथ-साथ इस पर्व को खुशी के साथ मनाया गया। दुबड़ी पर्व जौनपुर का पौराणिक पर्व है ।जिसमें गांव वाले खेतों से मोटा अनाज के पौधों को लाकर बड़ा सा ऊंचा गट्टा बनाकर पंचायती आंगन में खड़ा कर पहले महिलाओं द्वारा पूजा अर्चना करने के साथ-साथ घर में बनाए गए अनेक पकवानों का भोग चढ़ाया जाता है। उसके बाद गांव की महिलाओं पुरुष बुजुर्ग बच्चों ने नाच गनों के साथ दुबड़ी पर्व बड़ी धूमधाम से मनाया गया। घरों में विभिन्न प्रकार के पकवानों को बनाकर नई फसल को अर्पित किया जाता है। पूजा अर्चना के पश्चात गांव की महिलाओं और पुरुषों द्वारा रोपे गए पौधों को उखाड़ कर प्रसाद स्वरूप अपने अपने घर ले जाते हैं ।  इसके बाद सार्वजनिक पंचायत चौक में जौनपुरी रासो तांदी नृत्य का आयोजन कर दुबड़ी के त्यौहार को धूमधाम से मनाया गया।
स्थानीय निवासी मोहनलाल कवि का कहना है कि मोटे अनाज मंडुवा, कोड़ी, झंगोरा, और मक्का की फसल तैयार होने की खुशी में दुबड़ी पर्व बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। तथा गांव के प्रत्येक परिवार में विभिन्न प्रकार के पकवान बनाए जाते हैं जिसमें चावल के आटे से बनाए गए पिनूये जो कि घी तिल गुड़ की चटनी के साथ खाए जाते हैं।

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