उत्तराखंड

जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक, अधिकारियों को दिए सख्त निर्देश 

जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक, अधिकारियों को दिए सख्त निर्देश 

 

उत्तरकाशी(वीरेंद्र नेगी)-  जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक लेकर जिले के विद्यालयों में सभी बुनियादी सुविधाओं की व्यवस्था सुनिश्चित करने और विद्यालयों की भूमि को शिक्षा विभाग के नाम दर्ज किए जाने के प्रकरणों को मिशन मोड पर निस्तारित करने के निर्देश दिए हैं।  जिलाधिकारी ने जिले में कलस्टर उत्कृष्ट विद्यालयों के लिए नए सिरे से परीक्षण कर उपयुक्त प्रस्ताव तैयार करने और विद्यालयों  का पुनः युक्तिसंगत कोटिकरण किए जाने की भी हिदायत दी है।
जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने बैठक में शिक्षा विभाग के साथ ही अन्य विभागों के अधिकारियों के साथ विद्यालयों में बुनियादी सुविधाओं की व्यवस्था के संबंध में विचार-विमर्श कर आवश्यक निर्देश दिए। जिले के सरकारी प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालयों में उपलब्ध बुनियादी सुविधाओं की जानकारी लेते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि छूटे हुए विद्यालयों में अविलंब पानी व बिजली के कनेक्शन स्थापित करा दिए जांय। इसके लिए विभागीय स्तर से बजट की व्यवस्था न होने पर प्रशासन के द्वारा अन्यत्र मदों से धनराशि उपलब्ध करा दी जाएगी। बैठक में बताया गया कि जिले के आठ विद्यालयों में पेयजल दस विद्यालयों में बिजली संयोजन नहीं है।

जिलाधिकारी ने विद्यालयों की भूमि को शिक्षा विभाग के नाम दर्ज किए जाने की कार्रवाई युद्धस्तर पर संपादित करने और भूमि विवाद से संबंधित मामलों का तत्परता से निस्तारण करने के निर्देश देते हुए कहा कि शिक्षा विभाग के द्वारा ऐसे प्रकरणों की सूची उपजिलाधिकारियों को सौंपी जाय। ताकि राजस्व विभाग के स्तर से भी इन मामलों के त्वरित निस्तारण सुनिश्चित हो सके।
जिलाधिकारी ने कहा कि जिले की विशिष्ट भौगोलिक परिस्थितियों और आवश्यकताओं को ध्यान में रख विद्यालयों की सुगम व दुर्गम श्रेणी का नए सिरे से सही निर्धारण किया जाना जरूरी है। ताकि दुर्गम क्षेत्र में पर्याप्त संख्या में अध्यापकों की तैनाती सुनिश्चित करने के साथ ही दुर्गम में कार्यरत शिक्षकों को सुगम में स्थानांतरण का उपयुक्त अवसर मिल सके। जिलाधिकारी ने कहा कि कोई भी विद्यालय अध्यापक विहीन न रहे और अटैचमेंट की व्यवस्था को पूरी तरह से समाप्त किया जाय। बैठक में कलस्टर उत्कृष्ट विद्यालयों के गठन के प्रस्तावों पर भी चर्चा हुई। जिलाधिकारी ने कहा कि इन प्रस्तावों का दोबारा परीक्षण कर ऐसे स्थानों पर उत्कृष्ट विद्यालयों का गठन प्रस्तावित करें जहां पर छात्रों की सुगमता और सुविधा के साथ ही इन विद्यालयों के विस्तार की पर्याप्त संभावना  मौजूद हो और वहां पर अधिकाधिक छात्र उपलब्ध हो सकें।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी एस.एल.सेमवाल, उप जिलाधिकारी डुंडा देवानंद शर्मा, उप जिलाधिकारी भटवाड़ी मुकेश चंद रमोला, उप जिलाधिकारी बड़कोट बृजेश तिवारी, उप जिलाधिकारी पुरोला नवाजिश खलीक, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. बीएस रावत, अधीक्षण अभियंता लो.नि.वि. हरीश पांगती, मुख्य शिक्षा अधिकारी अमित कोटियाल, जिला शिक्षा अधिकारी शैलेन्द्र अमोली, खंड शिक्षा अधिकारी हर्षा रावत, अधिशासी अभियंता यपीसीएल मनोज गुसांई, अधिशासी अभियंता जल संस्थान एलसी रमोला, वरिष्ठ परियोजना प्रबंधक उरेडा रॉकी कुमार आदि अधिकारी भी उपस्थित रहे।

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