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विधि विधान के साथ खोले गए राजाजी टाइगर रिजर्व के गेट 

विधि विधान के साथ खोले गए राजाजी टाइगर रिजर्व के गेट 

हरिद्वार(राजकुमार)– वार्षिक बंदी के बाद एक बार फिर से राजाजी टाइगर रिजर्व के गेट खोल दिए गए है। गेट खोलने के बाद देश विदेश से आने वाले पर्यटक फिर से जंगल सफारी कर वन्यजीव का दीदार कर सकेंगे।  वन्य जीव प्रतिपालक प्रशांत हिंदवान ने विधि विधि विधान के साथ पूजा अर्चना कर पार्क की मोतीचूर, मोहंड और चीला रेंज के गेट खोले। गेट खुलने के अवसर पर जंगल सफारी करने आए पर्यटक भी उत्साहित नजर आए।

 

गौरतलब है कि मानसून सीजन के कारण हर वर्ष 15 जून को राजाजी टाइगर रिजर्व में जंगल सफारी को बंद कर दिया जाता है। क्योंकि बारिश के कारण जंगल में रास्ते क्षतिग्रस्त हो जाते हैं और नदी नाले भी तूफान पर बहते है। मानसून सीजन समाप्त हो जाने के बाद क्षतिग्रस्त रास्तों की मरम्मत की जाती है और नवंबर माह के दूसरे सप्ताह में फिर से पर्यटकों के लिए राजाजी टाइगर रिजर्व के गेट खोले जाते हैं। पार्क की मोतीचूर रेंज में वन्य जीव प्रतिपालक प्रशांत हिन्द्वान और पूर्णिमा ने रिबन काटकर इस सीजन की जंगल सफारी का शुभारंभ किया। इस अवसर पर मोतीचूर रेंज के सभी वन कर्मियों ने विधिवत पूजा अर्चना कर सफारी की शुरुआत करी। वन्य जीव प्रतिपालक प्रशांत हिन्दवान ने कहा कि राजाजी टाइगर रिजर्व का यह क्षेत्र बाघों की सैरगाह के रूप में जाना जा रहा है। यहां पर कॉर्बेट टाइगर रिजर्व से तीन बाघों को लाया गया है। जल्द हो दो अन्य बाघ भी यंहा ट्रांसलोकेट किये जायेंगे। पर्यटक यहां पर शेड्यूल वन के कई प्राणियों का सफारी के माध्यम से दीदार कर सकेंगे। वहीं इस बार सफारी वाहनों को लेकर भी नियमों को कड़ा किया गया है। इस बार सभी सफारी वाहन रोटेशन प्रणाली के तहत संचालित किए जाएंगे। वहीं सैलानियों की सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम किए गए हैं उम्मीद है कि पिछले कुछ वर्षों के मुकाबले यह साल वन्य जीव पर्यटन के लिए आज से बेहतर रहेगा।

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