कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता डॉ गणेश उपाध्याय ने सितारगंज बार एसोसिएशन के जीते हुए पदाधिकारी का किया स्वागत
कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता डॉ गणेश उपाध्याय ने सितारगंज बार एसोसिएशन के जीते हुए पदाधिकारी का किया स्वागत
सितारगंज ( अबरार अहमद)- कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता डॉ गणेश उपाध्याय ने सितारगंज बार एसोसिएशन के जीते हुए पदाधिकारी का स्वागत करते हुए कहा कि भाजपा सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि उत्तराखंड की भाजपा सरकार ने उत्तराखंड में हाईकोर्ट नैनीताल के राष्ट्रीय विधि विश्वविधालय की ऊधम सिंह नगर में स्थापना किए जाने के फैसले की जानबूझकर अवहेलना की है।
भाजपा सरकार द्वारा शक्ति का दुरुपयोग करते हुए गलत तरीके से राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय से कुमाऊं क्षेत्र के विधि छात्रों व जनता को वंचित किया है। उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय नैनीताल के आदेशों के अनुसार नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी ग्राम सभा गडरिया बाग ,किच्छा में खोली जानी थी। परन्तु तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, भाजपा सरकार ने रानीपोखरी डोईवाला खोलने के लिए उच्च न्यायालय नैनीताल के निर्णय के विरुद्ध सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की। उन्होंने भाजपा सरकार एवं कुमाऊं क्षेत्र के भाजपा सरकार में सत्ताधारी जन प्रतिनिधियों पर जनहित के मामलों में चुप्पी साधने और गैर जिम्मेदाराना होने का आरोप लगाया है। साथ ही उन्होंने लोकसभा क्षेत्र के वर्तमान एवं पूर्व जनप्रतिनिधियों पर भी इस मामलें में कमजोर पैरवी करने का भी आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय उत्तराखंड के आदेशानुसार जिलाधिकारी ऊधम सिंह नगर ने गड़रिया बाग में राष्ट्रीय विधि विश्वविधालय खोलने के लिए 26 एकड़ भूमि उपलब्ध कराते हुए व उच्च शिक्षा विभाग उत्तराखंड को मुख्य मार्ग से लगती हुई भूमि आवंटित कर नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के नाम हस्तांतरित भी कर दी थी। जो कि तहसील के राजस्व अभिलेखों में दर्ज अभिलेख /अंकित हो चुकी थी। ताकि उच्च न्यायालय उत्तराखंड के 19 जून 2018 के आदेशों का पालन किया जा सके। इसी दौरान भाजपा सरकार ने कुमाऊं क्षेत्रवासियों से क्षेत्रवाद करते हुए गुपचुप तरीको से राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय को किच्छा के स्थान पर डोइवाला के रानीपोखरी में खोलने की घोषणा करने के साथ ही 3 मार्च 2019 को गुपचुप तरीके से शिलान्यास भी कर दिया गया। साथ ही सरकार ने उच्च न्यायालय उत्तराखंड के स्पष्ट आदेश के पश्चात, सर्वोच्च न्यायालय में अपील करते हुए सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन अपील के निर्णय का इंतेजार किए बिना ही 13 अगस्त 2019 को कैबिनेट बैठक में विधि विश्वविद्यालय को रानीपोखरी में खोलने संबंधी प्रस्ताव पारित करवा लिया। उन्होंने कहा कि जब कि इस मामले में उत्तराखंड विधानसभा द्वारा प्रस्ताव पारित कराया जाना चाहिए था। सरकार का यह कदम उच्च न्यायालय के साथ ही सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों की भी स्पष्ट अवहेलना हैं। उन्होंने बताया कि इस मामले में उच्चतम न्यायालय में आज भी इस मामले में एक विशेष अनुमति याचिका विचाराधीन है। इस प्रकार यदि सरकार इसे कहीं और स्थापित करने का प्रयास करती है तो यह उच्च न्यायालय एवं उच्चतम न्यायालय यानी दोनों की अवमानना होगी। उन्होंने कहा कि रानीपोखरी में प्रस्तावित नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी पिछले 5 वर्षों में शिलान्यास से आगे नही बढ़ पाई है। कुमाऊं क्षेत्र में लॉ विश्वविद्यालय खुलने से क्षेत्र का विकास होता। छात्रों को उचित शिक्षा मिलती। उन्होंने सरकार से मांग की है कि ऊधम सिंह नगर के ग्राम सभा गडरिया बाग, किच्छा क्षेत्र में ही राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय स्थापित किया जाना चाहिए। इस अवसर सितारगंज बार एसोसिएशन के दयानंद सिंह अध्यक्ष, शक्ति प्रताप सिंह उपाध्यक्ष ,महेंद्र चौधरी सचिव, प्रकाश पांडे उप सचिव, राम भजन सागर कोषाध्यक्ष, मनोरमा गुप्ता लेखा परीक्षण, वरिष्ठ सदस्य उर्मिला कौशिक ,रवि सागर भगवत सिंह, गुरमीत सिंह ,सपन सरकार, हनीफ अहमद ,मोहम्मद हनीफ, उर्मिला कौशिक ,अफसर अली ,फरमान अहमद ,राजेंद्र कुमार, विश्वजीत राय सहित अन्य को एडवोकेट उपस्थित थे