उत्तरकाशीउत्तराखंड

घोर लापरवाही: तिरपाल के सहारे ढका क्षतिग्रस्त मार्ग, हादसे को न्योता दे रहा गंगा स्नान घाट जाने वाला क्षतिग्रस्त मार्ग

घोर लापरवाही: तिरपाल के सहारे ढका क्षतिग्रस्त मार्ग

 

हादसे को न्योता दे रहा गंगा स्नान घाट जाने वाला क्षतिग्रस्त मार्ग

 

 

उत्तरकाशी (वीरेंद्र नेगी)– गंगोत्री धाम में बड़े पत्थर से मुख्य स्नान घाट की ओर जाने वाले क्षतिग्रस्त मार्ग का यात्रा के 13 दिन बाद भी निर्माण नहीं हो पाया है, जो मार्ग क्षतिग्रस्त हो रखा हैं। उस पर सिंचाई विभाग ख़ामोशी ओढ़े बैठा हैं।

 

मुख्य गंगा स्नान घाट से जाने वाला मार्ग सिंचाई विभाग की भारी मशीनों के जाने के कारण क्षतिग्रस्त हो गया था। उसके बाद से अभी तक उस क्षतिग्रस्त मार्ग का निर्माण नहीं हो पाया है। स्थिति इतनी दयनीय है कि वहां पर एक इंच के पाइपलाइनों की रेलिंग लगाई गई है, जो कि कभी भी किसी बड़े हादसे को न्योता दे सकती है।

 

 

 

पूर्व व्यापार मंडल अध्यक्ष सतेंद्र सेमवाल का कहना है कि इस मार्ग से गंगोत्री मंदिर के दर्शन करने से पहले यात्री गंगा स्नान के लिए जाते हैं.जिस कारण उस मार्ग पर भारी भीड़ रहती है.ऐसी स्थिति में हल्की सी चूक पर वहां पर बड़ा हादसा हो सकता है? जबकि यात्रा शुरू होने से पहले डीएम ने निरीक्षण के दौरान सिंचाई विभाग और नगर पंचायत को मार्ग सही करने के निर्देश दिए थे. वहीं अब सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने इससे पल्ला झाड़ रखा है. संबंधित विभाग को पता हैं इस समय भारी संख्या में यात्री गंगोत्री धाम आ रहे हैं. गंगोत्री धाम आये यात्री माँ गंगा के दर्शन करने के साथ साथ गंगा जल से स्नान करके गंगा जल को साथ ले जाने के लिए गंगा घाट पर उतरते हैं. घाट क्षतिग्रस्त होने से किसी भी यात्री को नुकशान हो सकता हैं. तभी भी विभाग ख़ामोशी ओढ़े लिए बैठा हैं।

 

 

 

वहीं इस संबंध में मोनी बाबा आश्रम गंगोत्री धाम के महंत कौशल किशोर दास का कहना हैं. इस संबंध में उत्तरकाशी डीएम को सूचित किया गया था. तभी भी सिंचाई विभाग खामोश बैठा हैं. निर्माण कार्य में भी गलत तरीके से कार्य किया गया. पुराने दीवार पर नये फाउंडेशन होने के कारण यह निर्माण सही रूप नहीं ले पाया. वहीं सिंचाई विभाग ने अपनी गलती को एक तिरपाल के सहारे ढक कर रख दिया. जो कि कभी भी किसी बड़े हादसे को न्योता दे सकता है।

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