लखवाड़ बांध विकास एवं श्रम समिति के नवनिर्वाचित अध्यक्ष बने डॉ वीरेंद्र सिंह रावत, निवर्तमान अध्यक्ष बचन सिंह पुंडीर ने नहीं दिया इस्तीफा
लखवाड़ बांध विकास एवं श्रम समिति के नवनिर्वाचित अध्यक्ष बने डॉ वीरेंद्र सिंह रावत, निवर्तमान अध्यक्ष बचन सिंह पुंडीर ने नहीं दिया इस्तीफा
लखवाड़ बांध विकास एवं श्रम समिति की नवीन कार्यकारिणी गठित
लगभग अन्य सभी समिति के पदाधिकारियों ने दिया इस्तीफा
सर्व समिति से नई समिति का किया चयन
तीन जौनसार की समितियों ने सैद्धांतिक किया समर्थन
नैनबाग (राजीव डोभाल)- यमुना नदी तट पर 300 मेगावाट क्षमता की लखवाड़ बांध परियोजना से प्रभावित काश्तकारों और स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने पूर्व प्रमुख कालसी भजन सिंह तोमर की अध्यक्षता में यमुना पुल के समीप अगलाड़ नदी के तट पर बैठक कर नई समिति का चयन और काश्तकारों की समस्याओं को लेकर समस्याएं पर चर्चा की।
बांध प्रभावितों ने सरकार की ओर से संपत्तियों का सही आकलन उचित मुआवजा न दिए जाने पर आक्रोश जताते हुए और प्रभावितों के लिए अनुग्रह राशि एक करोड़ एक लाख पचास हजार रुपए प्रति हेक्टर सरकार की ओर से तय की गई है, जिसमें काश्तकारों ने नाराजगी जताते हुए इसको बढ़ाने के साथ-साथ उचित मुआवजा और पूर्ण प्रभावित ग्राम कुणा, रणोगी को पूर्ण विस्थापन करने और जल विद्युत निगम में बेरोजगार युवाओं को स्थाई रोजगार के संबंध में सरकार से मांग की। काश्तकारों को उनकी परिसंपत्तियों का सही आकलन जिसमें पेड़, छानी, खलियान,धराड़, का सही आकलन करते हुए काश्तकारों को उचित मुआवजा मिल सके। टिहरी प्रशासन की ओर से बांध प्रभावित काश्तकारों को आपत्ति दर्ज करने के लिए 28 तारीख निर्धारित की गई है, जिसमें सभी काश्तकारों ने तिथि को बढ़ाने के लिए जिलाधिकारी टिहरी से बैठक निर्धारण के लिए समय मांगा है।
लखवाड़ बांध परियोजना से लगभग जौनसार तहसील कालसी जनपद देहरादून , जौनपुर तहसील नैनबाग जनपद टिहरी दोनों जनपद के लगभग 32 गांवों के साथ-साथ लगभग 100 परिवार इससे प्रभावित हो रहे हैं।
सरकार की ओर से लखवाड़ बांध प्रभावितों के लिए जो अनुग्रह अनुदान राशि निर्धारित की गई है। इस पर प्रभावित किसानों ने असहमति जताते हुए इसको बढ़ाने की मांग पर अड़े हैं। प्रभावित काश्तकारों ने शीघ्र ही सरकार से मुआवजा बढ़ाने के साथ-साथ स्थाई रोजगार एवं संपत्तियों का सही आकलन नहीं किया जाता तो समिति के पदाधिकारियों और काश्तकारों द्वारा डैम के कार्य का बहिष्कार करते हुए धरना प्रदर्शन किया जाएगा।
बता दें कि लखवाड़ बांध विकास एवं श्रम समिति के निवर्तमान अध्यक्ष बच्चन सिंह पुंडीर बैठक में शामिल नहीं हुए। ना ही उनके द्वारा इस्तीफा दिया। समिति के अन्य सभी पदाधिकारियों ने इस्तीफा दिया और नवीन कार्यकारिणी में शामिल हुए।
लखवाड़ बांध से संबंधित बनी अन्य तीन जौनसार देहरादून क्षेत्र की समितियों के पदाधिकारी भी बैठक में शामिल थे जिन्होंने ने नवीन कार्यकारिणी के गठन का स्वागत सैद्धांतिक समर्थन करते हुए कहा कि हम लोग भी कुछ समय बाद नवीन गठित समिति में विलय होकर एक झंडे बैनर तले एक जुट होकर काश्तकारों की हितों की लड़ाई को लड़ेंगे।
समिति के डॉक्टर वीरेंद्र सिंह रावत ने सभी लोगों का आभार व्यक्त करते कहा कि आप लोगों ने जो जिम्मेदारी मुझे दी है। मैं आप लोगों को विश्वास दिलाता हूं कि मैं उस पर ईमानदारी से कार्य करते हुए काश्तकारों के हितों को लेकर ईमानदारी के साथ कार्य करूंगा। सरकार और जल विद्युत निगम ने जल्द लखवाड़ बांध प्रभावितों की मांगों को ना माना गया तो सभी काश्तकारों द्वारा बांध का कार्य अनिश्चितकालीन के लिए बंद कर देंगे। धरना प्रदर्शन किया जाएगा, जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी सरकार की होगी।
नई समिति में अध्यक्ष- डॉ. वीरेंद्र सिंह रावत, संयोजक- भजन सिंह तोमर, महिपाल सिंह सजवाण, सबल सिंह, संरक्षक- शूरवीर सिंह रावत, महेंद्र सिंह पुंडीर, प्रेम सिंह रावत, आनंद तोमर, उपाध्यक्ष- संदीप चौहान ,जोत सिंह रावत, जयपाल राणा,आनंद सिंह, कोषाध्यक्ष- शरण सिंह पंवार, विनोद राणा, सुभाष बर्तवाल, अनिल पंवार, महामंत्री- स्वराज सिंह तोमर, प्रदीप कवि, संगठन सचिव- विक्रम सिंह सजवाण, भारत सिंह, अनिल बिजल्वाण, गंभीर सिंह, मुख्य सलाहकार- सरदार सिंह मल्ल, नरेंद्र तोमर, सर्व समिति से नवीन कार्यकारिणी का गठन किया गया है। बैठक में सभी प्रभावित जौनसार जौनपुर के काश्तकारों के साथ-साथ क्षेत्र जनप्रतिनिधि भी शामिल थे।