सीएम रहते हरदा नहीं थे गैरसैंण में स्थायी राजधानी के पक्षधर, अब कर रहे दिखावा- खजान दास
सीएम रहते हरदा नहीं थे गैरसैंण में स्थायी राजधानी के पक्षधर, अब कर रहे दिखावा- खजान दास
देहरादून- भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता एवं विधायक खजान दास ने कहा कि अपने सीएम कार्यकाल या पहले भी हरदा कभी गैरसैंण को स्थायी राजधानी के पक्षधर नहीं रहे और अब दिखावा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि गैरसैंण को राजधानी बनाने में अपनी ही पार्टी के सदस्यों को अवरोधक बताने का दावा भी भ्रामक और शिगूफा है।
प्रदेश प्रवक्ता एवं राजपुर विधायक पूर्व मंत्री खजान दास ने कहा कि यदि स्थायी राजधानी की राह में तब विद्रोही कांग्रेस रोड़ा बने तो वे उसके बाद भी लंबे समय तक वह मुख्यमंत्री बने रहे और क्यों नहीं तब उन्होंने स्थाई राजधानी की घोषणा की? अब 7 साल बाद ही उन्हें सब याद आ रहा है।
उन्होंने कहा कि पूर्व सीएम हरदा को जनता का विश्वास खो चुके हैं। सच्चाई यह है कि हरदा कभी भी राज्य निर्माण के पक्ष में ही नहीं थे। चौहान ने सवाल किया कि उनके मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद भी 7 वर्ष से अधिक समय बीत गया और दो विधानसभा एवं दो लोकसभा के चुनाव संपन्न हो गए। उनकी मंशा कांग्रेस के घोषणा पत्र में स्थान नहीं बना पायी। न ही पूर्व सीएम हरदा ने इस बारे में कोई चर्चा की और अब स्वयं को गैरसैंण का शुभचिंतक बनने का ढोंग रच रहे हैं ।
उन्होंने ने कहा कि हरदा राज्य के सरोकारों की आवाज बनने का दावा करते रहे हैं, लेकिन अटल सरकार में दिये विशेष पैकेज को जब मनमोहन सरकार में छीना गया तो वह मौन हो गए। यही स्थिति उनकी राज्य निर्माण आंदोलन मे रही। वह कभी पूर्ण राज्य का दर्जा भी नही चाहते थे। धामी सरकार सरकार गैरसैंण को योग, ध्यान, अध्यात्म के केंद्र के रूप में भी विकसित करने जा रही है। गैरसैंण का सर्वांगीण विकास है इसके लिए गैरसैंण भवन में सालभर विभिन्न प्रशिक्षण, वर्कशॉप, सेमिनार कार्यक्रम आयोजित किए जायेंगे। सीएम ने समन्वय हेतु सचिव स्तर के अधिकारी को यह ज़िम्मेदारी दी गई है ताकि ऐसे विभिन्न कार्यक्रमों से स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिले। भाजपा ने राज्य दिया है और उसे संवार भी रही है, जबकि कांग्रेस विकास में महज अवरोध उत्पन्न करती रही है यह जनता बेहतर जानती है।