नई दिल्ली में केंद्रीय आयुष मंत्री प्रतापराव जाधव से कृषि मंत्री गणेश जोशी ने की भेंट
नई दिल्ली में केंद्रीय आयुष मंत्री प्रतापराव जाधव से कृषि मंत्री गणेश जोशी ने की भेंट
नई दिल्ली- कृषि मंत्री गणेश जोशी ने शुक्रवार को नई दिल्ली में केंद्रीय आयुष मंत्री प्रतापराव जाधव से शिष्टाचार भेंट की।
मुलाकात के दौरान सूबे के कृषि मंत्री गणेश जोशी ने केंद्रीय आयुष मंत्री से उत्तराखंड में अधिक मात्रा में उत्पादित होने वाले तेजपत्ता और तैमूर को फसल घोषित करने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के सहयोग से चंदन को भी फसल घोषित किया जाए ताकि यह राज्य के किसानों के लिए केंद्र की ओर से एक विशेष सहयोग हो सके। कृषि मंत्री ने बताया कि इन उत्पादों को फसल घोषित होने के बाद कृषि एवं उद्यान के माध्यम से प्रदेश के किसानों को अत्यधिक लाभ होगा।
इस दौरान दोनों मंत्रियों के बीच मेडिसिनल प्लांट्स के संबंध में भी चर्चा हुई। कृषि मंत्री ने बताया कि उत्तराखंड में प्रमुख रूप से सतावर, सर्पगंधा, कुटकी, तुलसी और कूट जैसे महत्वपूर्ण मेडिकल प्लांट पाए जाते हैं और इनका उपयोग कई महत्वपूर्ण दवाइयां के निर्माण में किया जा सकता है।
इस अवसर पर उन्होंने कई समसामयिक विषयों पर विस्तार से चर्चा की और उन्हें पहाड़ी टोपी भेंट कर उत्तराखण्ड आने का निमंत्रण भी दिया।
नई दिल्ली- कृषि मंत्री गणेश जोशी ने शुक्रवार को नई दिल्ली में केंद्रीय आयुष मंत्री प्रतापराव जाधव से शिष्टाचार भेंट की।
मुलाकात के दौरान सूबे के कृषि मंत्री गणेश जोशी ने केंद्रीय आयुष मंत्री से उत्तराखंड में अधिक मात्रा में उत्पादित होने वाले तेजपत्ता और तैमूर को फसल घोषित करने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के सहयोग से चंदन को भी फसल घोषित किया जाए ताकि यह राज्य के किसानों के लिए केंद्र की ओर से एक विशेष सहयोग हो सके। कृषि मंत्री ने बताया कि इन उत्पादों को फसल घोषित होने के बाद कृषि एवं उद्यान के माध्यम से प्रदेश के किसानों को अत्यधिक लाभ होगा।
इस दौरान दोनों मंत्रियों के बीच मेडिसिनल प्लांट्स के संबंध में भी चर्चा हुई। कृषि मंत्री ने बताया कि उत्तराखंड में प्रमुख रूप से सतावर, सर्पगंधा, कुटकी, तुलसी और कूट जैसे महत्वपूर्ण मेडिकल प्लांट पाए जाते हैं और इनका उपयोग कई महत्वपूर्ण दवाइयां के निर्माण में किया जा सकता है।
इस अवसर पर उन्होंने कई समसामयिक विषयों पर विस्तार से चर्चा की और उन्हें पहाड़ी टोपी भेंट कर उत्तराखण्ड आने का निमंत्रण भी दिया।