एसजीआरआरयू में योग दर्शन पर मंथन को जुटे योग शोधार्थी, देश के 15 राज्यों से 500 शोधार्थियों ने किया प्रतिभाग
एसजीआरआरयू में योग दर्शन पर मंथन को जुटे योग शोधार्थी, देश के 15 राज्यों से 500 शोधार्थियों ने किया प्रतिभाग
10वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य में एसजीआरआरयू में सेमिनार का आयोजन
राष्ट्रीय सेमीनार में 40 शोधपत्रों का हुआ प्रस्तुतीकरण
देहरादून- श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय में स्कूल आफ यौगिक साइंस एवं नैचुरोपैथी एवं आईसीपीआर नई दिल्ली के सहयोग से एक दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया। राष्ट्रीय सेमिनार में देश के 15 राज्यों से 500 योग शोधार्थियों ने आनलाइन एवम् आफलाइन प्रतिभाग किया। कार्यक्रम में उपस्थित 300 योग शोधार्थियों में से 40 शोधार्थियों ने योग से जुड़े विभिन्न विषयों पर अपने शोधपत्र प्रस्तुत किए।10वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य में एसजीआरआरयू में राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया। श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय के प्रेसिडेंट महंत देवेन्द्र दास महाराज ने सभी योग शोधार्थियों एवं राष्ट्रीय सेमिनार के आयोजन सदस्यों को शुभकामनाएं प्रेषित की।बुधवार को एसजीआरआरयू के पथरी बाग कैंपस स्थित सभागार में राष्ट्रीय सेमिनार का विधिवत शुभारंभ हुआ। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पदमश्री योगगुरू स्वामी भरत भूषण, एसजीआरआरयू के कुलपति डाॅ यशबीर दीवान, कुलसचिव डाॅ अजय कुमार खण्डूड़ी, प्रो कंचन जोशी, संकायाध्यक्ष, डॉ विक्रम सिंह, डॉ सुरेंद्र कुमार त्यागी, एवम डॉ भानू जोशी ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। ‘योग दर्शन एवम् अभ्यास प्रदर्शन के साथ’ विषय पर आधारित राष्ट्रीय सेमिनार में योग विषय के विशेषज्ञों ने गहन मंथन किया।
मुख्य अतिथि स्वामी भरत भूषण ने भारतीय योग दर्शन के मूल उद्देश्य को प्रमुखता से रेखांकित किया। उन्होंने योग दर्शन में वर्णित सूत्रों के व्यावहारिक जीवन पर महत्व को सरल शब्दों में समझाया। उन्होंने वर्तमान परिदृश्य में योग शिक्षा की आवश्यकता को महत्वपूर्णं बताते हुए योग शिक्षा एवम् योग दर्शन से जुड़ी महत्वपूर्णं जानकारियों पर प्रकाश डाला। सेमिनार में प्रोफेसर सुरेन्द्र कुमार त्यागी, संकायाध्यक्ष, फैकल्टी आफ योगा एवम् फिजिकल एजुकेशन, गुरुकुल कांगड़ी, डीन विश्वविद्यालय, हरिद्वार ने पतंजलि योग सूत्र की बारीकियों से छात्रों को अवगत कराया।
डॉ.भानु प्रकाश जोशी, विभागाध्यक्ष, स्कूल आफ हेल्थ साइंसेज, उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय हल्द्वानी, ने छात्रों को क्रिया योग की बारीकियों के बारे में बताया और साथ ही छात्रों से कर्मठ रहते हुए योग और अनुशासन को जीवन में अपनाने का सुझाव दिया।