उत्तराखंडस्वास्थ्य

कृषि मंत्री गणेश जोशी ने किया सिल्क मार्क एक्सपो 2023 का शुभांरभ 

कृषि मंत्री गणेश जोशी ने किया सिल्क मार्क एक्सपो 2023 का शुभांरभ 

दून सिल्क का यह एक्स्पो रेशम के प्रचार-प्रसार में सहायक होगा सिद्ध- गणेश जोशी  

देहरादून- कृषि मंत्री गणेश जोशी ने आज देहरादून के एक निजी होटल में केंद्रीय रेशम बोर्ड, वस्त्र मंत्रालय, भारत सरकार एवं उत्तराखण्ड कोआपरेटिव रेशम फेडरेशन के तत्वाधान में आयोजित सिल्क मार्क एक्सपो 2023 का विधिवत उद्घाटन किया। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने एक्सपो में लगे सिल्क प्रदर्शनियों का अवलोकन भी किया। ज्ञात हो कि इस वर्ष देश भर के प्रमुख महानगरों में बारह एक्सपो आयोजित किए जा रहे हैं । इनमें से एक देहरादून एक्सपो में प्रदर्शनी में देश मे लगभग 12 राज्यों के 30 से अधिक बनुकरों द्वारा अपने उत्पादों का प्रदर्शन किया जा रहा है। जो 12 से 18 सितंबर तक देहरादून के राजपुर रोड़ स्थित होटल मधुबन में आयोजित किया गया है।  जिसमें भारत के दूरदराज के बुनाई समूहों से प्राप्त शुद्ध रेशम उत्पादों की पूरी श्रृंखला का प्रदर्शन किया गया है। मंत्री गणेश जोशी ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकसभा सीट बनारस कभी अपनी बनारसी साड़ियों के लिए प्रसिद्ध रहा है। लेकिन पिछले कुछ सालों में किन्ही कारणों से हमारे बुनकर भाईयों का इस उद्योग से मोह भंग हुआ है। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री द्वारा बनारस के बुनकरों की आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए अनकों सार्थक प्रयास किये जा रहे हैं। जिससे हमारी इस पहचान को संरक्षित किया जा सके। मंत्री ने कहा रेशम परिधान काफी मंहगे होते हैं जिस कारण यह आम आदमी की पहुँच से बाहर हैं। लेकिन राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर रेशमी वस्त्रों को पहनने वालों की कोई कमी नहीं है। इसका एक बड़ा बाजार हमारे पास मौजूद है। मंत्री ने कहा गत वर्ष रेशम फेडरेशन द्वारा 35 हजार मीटर वस्त्रोपादन का कार्य किया गया है। जिसे और बढ़ाये जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा ग्रोथ सेंन्टर सेलाकुई में गत वर्ष मेरे द्वारा एक पावरलूम का शुभारम्भ किया गया जो वर्तमान में कार्यशील है और जिसके माध्यम से साड़ियों का उत्पादन भी प्रदेश में प्रारम्भ हो गया है।यह भी हमारी उपलब्धि है। उन्होंने कहा हमारे प्रदेश की जलवायु चारों प्रकार के रेशम-शहतूती, एरी, मूंगा और टसर हेतु उपयुक्त है और वर्तमान समय में चारों प्रकार का रेशम प्रदेश में उत्पादित भी किया जा रहा है। जिसमें शहतूत रेशम प्रमुख है, लेकिन हमें शहतूती रेशम के साथ-साथ वन्या रेशम उत्पादन पर भी ध्यान देते हुए उसका उत्पादन भी व्यावसायिक स्तर पर ले जाने की आवश्यकता है। उन्होंने विभागीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों से अपेक्षा है कि शहतूती के साथ-साथ अन्य प्रकार के रेशम के उत्पादन किस प्रकार बड़ाया जा सकता है उस दिशा में भी कार्य किया जाए। मंत्री गणेश जोशी ने कहा रेशम की फसल जो कि कैश क्रॉप (नगदी फसल) होने के कारण सहायक उद्योग के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है, रेशम का कार्य किसान अपने दैनिक कार्यों के साथ बहुत आसानी से कर, अपनी आय में वृद्धि कर सकता है। इस अवसर पर रेशम फेडरेशन अध्यक्ष अजीत चौधरी, सचिव कृषि दीपेंद्र चौधरी, कार्यकारी अधिकारी के. एस. गोपाल, निदेशक कृषि के.सी.पाठक, निदेशक रेशम प्रदीप, अपर सचिव सहकारिता आलोक पांडे, विनय कुमार, निपेंद्र चौहान सहित कई बुनकर किसान उपस्थित रहे।

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