उत्तराखंडराजनीति

सरकार विधानसभा में विपक्ष के माध्यम से पूछे गए जनता के प्रश्नों का जवाब देने में रही सफल- नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य

सरकार विधानसभा में विपक्ष के माध्यम से पूछे गए जनता के प्रश्नों का जवाब देने में रही सफल- नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य   

देहरादून- नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने विधानसभा में प्रेस वार्ता की। कहा कि विधानसभा के मॉनसून सत्र मे जहां कांग्रेस विधायक दल ने राज्य के प्रमुख विपक्षी दल का पूरा दायित्व निभाते हुए सरकार को हर कदम पर घेरा। वहीं सरकार विधानसभा में विपक्ष के माध्यम से पूछे गए जनता के प्रश्नों का जवाब देने में असफल रही है। विधानसभा अध्यक्ष ने सदन को कुशलता और निष्पक्षता से संचालित करते हुए विधायकों की गरिमा की रक्षा के लिए पीठ से कठोर निर्णय लिए उसके लिए कांग्रेस विधायक दल उन्हें  धन्यवाद देता है। कहा कि सरकार मानूसन सत्र को भी पिछले सत्रों की तरह बहुत ही कम दिनों के लिए चला रही है। कम समय के बाबजूद भी कांग्रेस के सभी माननीय विधायकों ने अपने विधायी कर्तव्यों का पालन करते हुए विधानसभा की कार्य संचालन नियमावली 2005 के हर प्रावधान

 

का पूरा प्रयोग कर विधानसभा के पटल पर राज्य की जनता की आवाज को पूरी तरह से बुलंद किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने हर स्तर पर साल भर में विधानसभा सत्र को कम दिन चलाने का विरोध करते हुए मानसून सत्र के काल को बढ़ाने की हर मांग सरकार के सामने रखी परंतु सरकार ने सत्र नहीं बढ़ाया।  कार्य संचालन नियमावली के अनुसार साल के तीन सत्रों में कम से कम 60 दिन विधानसभा के सत्र चलाऐ जाने चाहिए थे। इस साल अभी हाल के मानसून सत्र सहित विधानसभा केवल 7 दिन चली है। इसमें से भी शोक वाले दिन भी सम्मिलित हैं जिनमें शोक प्रस्ताव पर चर्चा के अलावा कोई कार्य नहीं होता है। गत साल भी विधानसभा केवल 8 दिनों के लिए ही चली थी।  कांग्रेस विधायक दल द्वारा तैयार असरकारी विधेयकों को कांग्रेस के विधायक सदन में पेश कर रहे हैं। इस बार सदन में कांग्रेस की माननीय विधायक अनुपमा रावत व माननीय विधायक मनोज तिवारी बहुत ही महत्वपूर्ण विषयों पर दो असरकारी विधेयक लाए। विधायक अनुपमा रावत राज्य आंदोलनकारियों और उनके आश्रितों को राज्य की सेवाओं में 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण का असरकारी बिल लगातार तीसरी बार लाई। यह कार्य सरकार को पहले ही करना चाहिए था, इस बार सरकार  को भी आखिर शर्म आ ही गई । सरकार अनुपमा रावत के बिल को ही सरकारी बिल के रूप में लाई । उन्होंने बताया कि कांग्रेस विधायक दल की ओर से विधायक मनोज तिवारी ने भी राज्य में उपनल, तदर्थ, संविदा , अंशकालिक आदि अस्थाई सेवाओं को कर रहे हजारों युवाओं की सेवाओं के विनियमितीकरण याने स्थाई करने के उद्देश्य से ‘‘ उत्तराखण्ड आउटसोर्स कर्मचारी विधेयक 2023 विधानसभा में पेश किया और सम्पूर्ण विषय को विधानसभा के माध्यम से राज्य के सामने रखा। सरकार के पास विपक्ष के विधायकों के प्रश्नों के जबाब नहीं थे। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि  मात्र दो दिन चले सदन में विपक्ष ने नियम 310 और 58 के अंतर्गत राज्य में अतिक्रमण के नाम पर सरकारी विभागों द्वारा तबाही करने , आपदा , बेरोजगारी , भू- कानून ,   कानून व्यवस्था , बिजली कटौती , जंगली जानवरों का आतंक , कलस्टर बना कर विद्यालयों को बंद करने के विषय में सरकार को बुरी तरह से घेरा। अफसोस इस बात का है कि, उत्तराखंड में सरकार विधानसभा की मर्यादा के अनुकूल विपक्ष द्वारा उठाए गए राज्य की जनता के प्रश्नों को उचित और संतोषजनक जवाब नहीं दे रही है।

 

 

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