युवराज अंगद दूत बनाकर पहुंचा रावण के दरबार में
युवराज अंगद दूत बनाकर पहुंचा रावण के दरबार में
हरिद्वार (नौशाद अली)–बहादरपुर जट रामलीला में रावण और अंगद संवाद का दृश्य दिखाया गया रामलीला के डायरेक्टर धर्मेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि रामचंद्र और सुग्रीव की ओर से युद्ध की सभी तैयारियां पूरी करने के बाद रामचंद्र ने कहा कि युद्ध नीति को देखते हुए हमें एक बार रावण को समझना चाहिए इसके लिए अंगद को दूत बनाकर रावण के दरबार में भेजा जाए सभी ने उनकी अज्ञा को माना अंगद रावण को समझने उसके दरबार में जाता है और रावण को युद्ध के परिणाम के बारे में बताता है वह कहता है कि युद्ध होने पर बहुत सी माताएं बहने विधवा हो जाएगी और बहुत से बच्चे अनाथ हो जाएंगे इसलिए जितना हो सके युद्ध को टालना चाहिए लेकिन रावण अपने अहकर में रहता है वह कहता है कि रामचंद्र और लक्ष्मण में मुझसे युद्ध करने की शक्ति नहीं है और सुग्रीव निर्बल राजा है भालू और बंदरो की सेना से कोई युद्ध नहीं जीत सकता रावण अंगद को उसके पिता बाली की दोस्ती का वास्ता देकर अपनी और मिलने का प्रस्ताव रखता है और कहता है कि मैं तुझे कल से ही लंका का सेनापति बना देता हूं लेकिन अंगद इन सबको मना कर देता है अंगद कहता है कि मैं रामचंद्र जी का एक छोटा सा सेवक हूं अगर आपका कोई भी योद्धा मेरे पैर को उठा देगा तो मैं मान लूंगा की आप रामचंद्र से युद्ध कर सकते हैं कोई भी योद्धा अंगद का पैर हिला नहीं पाता अंत में रावण अंगद के पैर को उठाने के लिए आता है तो अंगद पैर पीछे कर कहता है कि आपको रामचंद्र जी के पैरों में पडना चाहिए जिससे कि युद्ध को रोका जा सके आप रामचंद्र जी के पैरों में पड़कर उनकी सीता को वापस कर दो रावण का अभिनय ललित चौधरी और अंगद का अभिनय शुभम वर्मा ने किया मंत्री का अभिनय रमेश चंद ने श्री राम का अभिनय कृष्ण पाल चौधरी और लक्ष्मण का अभिनय पुष्पेंद्र उर्फ काला ने किया इस अवसर पर जिला पंचायत प्रतिनिधि अरविंद कुमार ने रामलीला में पहुंचकर रामचंद्र और लक्ष्मण को माला पहनकर उनका स्वागत किया रामलीला कमेटी के अध्यक्ष धीर सिंह चौधरी धर्मेंद्र चौहान अजमेर कश्यप फकीरचंद वर्मा शिव चौधरी जोगिंदर कश्यप अमन कश्यप रेनू चौधरी जिवेद्र तोमर ने माला पहनकर जिला पंचायत प्रतिनिधि अरविंद कुमार का स्वागत किया