उत्तराखंड

आग लगने से ऐतिहासिक रिंक हॉल का अध्याय समाप्त 

आग लगने से ऐतिहासिक रिंक हॉल का अध्याय समाप्त 

क्या कहते हैं इतिहासकार गोपाल भारद्वाज सुनिए 

मसूरी (धर्मेंद्र सिंह)- आग लगने से ऐतिहासिक रिंक हॉल का अध्याय समाप्त हो गया है। यहां पर दारा सिंह और किंग कोंग के बीच कुश्ती का मुकाबला भी हुआ था और रोलर स्केटिंग हॉकी में यहां से राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी हुए हैं। यह पूरा हॉल लकड़ी का बनाया गया था लेकिन आग की चपेट में आने से वह राख हो गया यहां से कई लोगों की यादें जुड़ी हुई है। इतिहासकार गोपाल भारद्वाज बताते हैं कि पवेलियन द रिंग का 150 वर्षों का इतिहास रहा है। अंग्रेजों के द्वारा बनाया गया रिंग हाल में अनेकों राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताएं होती थी और जब यहां पर सिनेमा हॉल नहीं होते थे तो इसका प्रयोग थिएटर के रूप में किया जाता था। उन्होंने बताया कि यहां पर अंतरराष्ट्रीय स्तर की कुश्ती प्रतियोगिताएं होती , जिसमें दारा सिंह किंग कोंग रणधावा गामा पहलवान यहां पर आते थे। साथ ही यहां पर राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय स्तर की स्केटिंग प्रतियोगिताएं भी होती थी। उन्होंने कहा कि आज उन्हें इसका काफी दुख हो रहा है कि एक ऐतिहासिक धरोहर समाप्त हो गई है।

 

 

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