श्रीमद् भागवत कथा में चतुर्थ दिन उमड़ा भक्तों का सैलाब, सृष्टि का सार तत्व परमात्मा ही है -पंडित रामजी
श्रीमद् भागवत कथा में चतुर्थ दिन उमड़ा भक्तों का सैलाब, सृष्टि का सार तत्व परमात्मा ही है -पंडित रामजी
-भागवत सुनने से मिलता है मोक्ष
सितारगंज (दीपक भारद्वाज) –श्रीमद् भागवत कथा में चौथे दिन कर्मयोगी भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव बडे़ आनंद और हर्षोल्लास के साथ धूम-धाम से मनाया गया। कंस के कारागार में भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ। भगवान कृष्ण जन्मोत्सव में नन्हें बालक ने भगवान कृष्ण का रूप धारण कर उपस्थित श्रद्धालुओं का मन मोह लिया। सभी ने कृष्ण जन्म का आनंद लिया।जिसे सुनकर भक्तजन भक्ति में लीन हो गए।जिसमें उन्होंने श्री कृष्ण से संस्कार की सीख लेने की बात कही। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण स्वयं जानते थे कि वह परमात्मा हैं
उसके बाद भी वह अपने माता पिता के चरणों को प्रणाम करने में कभी संकोच नहीं करते थे।श्रीमद् भागवत कथा के माध्यम से
भागवत व्यास पर विराजमान वृंदावन से आये पंडित राम जी के मुखारविन्द से धर्म,अर्थ,काम, मोक्ष की महत्ता पर प्रकाश डाला,साथ ही उन्होंने कहा कि जब-जब धरा पर अत्याचार, दुराचार, पापाचार बढ़ा है, तब-तब प्रभु का अवतार हुआ है।प्रभु का अवतार अत्याचार को समाप्त करने और धर्म की स्थापना के लिए होता है। जब धरा पर मथुरा के राजा कंस के अत्याचार अत्यधिक बढ़ गए, तब धरती की करुण पुकार सुनकर श्री हरि विष्णु ने देवकी माता के अष्टम पुत्र के रूप में भगवान श्री कृष्ण ने जन्म लिया। इसी प्रकार त्रेता युग में लंकापति रावण के अत्याचारों से जब धरा डोलने लगी तब मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम ने जन्म लिया, ऐसे तमाम प्रसंग श्रोताओं को सुनाएं, जिसे सुनकर उपस्थित श्रोता भक्ति भाव में तल्लीन हो गए। गोपियों के घर से केवल माखन चुराया अर्थात सार तत्व को ग्रहण किया और असार को छोड़ दिया।प्रभु हमें समझाना चाहते हैं कि सृष्टि का सार तत्व परमात्मा है। इसलिए असार यानी संसार के नश्वर भोग पदार्थों की प्राप्ति में अपने समय, साधन और सामर्थ को अपव्यय करने की जगह हमें अपने अंदर स्थित परमात्मा को प्राप्त करने का लक्ष्य रखना चाहिए। इसी से जीवन का कल्याण संभव है।
भागवत कथा में अध्यक्ष रोशन लाल अग्रवाल,महामंत्री सुरेश जैन,कोषाध्यक्ष रमेश गुप्ता,वरिष्ठ समाजसेवी महेश मित्तल,उपाध्यक्ष भीमसेन गर्ग,जितेन्द्र गोयल,भगवान सिंह भंडारी,विन्देश जायसवाल,मथुरा प्रसाद तिवारी,राजेंद्र बंसल,सुशीला गोयल,धर्मा देवी,कृष्णा गोयल,राजरानी गर्ग,लक्ष्मी सिंघल आदि मौजूद रहे।