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एसजीआरआर मेडिकल काॅलेज में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन, विशेषज्ञों ने मरीजों के प्रति व्यवहार, ड्यूटी एवम् दायित्वों के सम्बन्ध में सांझा की जानकारियां

एसजीआरआर मेडिकल काॅलेज में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन, विशेषज्ञों ने मरीजों के प्रति व्यवहार, ड्यूटी एवम् दायित्वों के सम्बन्ध में सांझा की जानकारियां

डाॅक्टरी पेशे से जुड़ी सहमति और व्यावसायिक गोपनीयता पर प्रकाश डाला

एथिक्स एण्ड गुड क्लीनिकल परैक्टिस कार्यशाला का एसजीआरआरआईएम एण्ड एचएस में आयोजन 

 

 

देहरादून

श्री गुरु राम राय इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एण्ड हैल्थ सांइसेज में गुरुवार को एथिक्स एण्ड गुड क्लीनिकल परैक्टिस (आदर्श नीति व अच्छे नैदानिक अभ्यास) विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। श्री महंत इंदिरेश अस्पताल के ऑडिटोरियम में कार्यक्रम का शुभारम्भ एसजीआरआरआईएमएण्डएचएस के प्राचार्य डाॅ. अशोक नायक, उप प्राचार्य डाॅ. ललित कुमार, उप प्राचार्य डाॅ. पुनीत ओहरी, श्री मंहत इन्दिरेश अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डाॅ. उत्कर्ष शर्मा, चिकित्सा अधीक्षक डाॅ गौरव रतूड़ी, डाॅ. अंजली चैधरी, डाॅ. सुलेखा नौटियाल व डाॅ. सीमा आचार्य के द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलित कर किया गया।

कार्यशाला में डाॅ ललित कुमार ने पंजीकृत डाॅक्टरो के रोगी के प्रति, एक-दूसरे के प्रति व स्टेट काउंसिल के प्रति कर्तव्यों व उत्तदायित्वों के बारे में व्याख्यान दिया। डाॅ. शालू बावा ने आदर्श प्रैसक्रिप्शन लिखने के तरीके को साझा किया। डाॅ. विनय शील नें डाॅक्टरी पेशे से जुडी सहमति व व्यवसायिक गोपनीयता पर प्रकाश डाला। डाॅ. नरदीप नैथानी ने डाॅक्टरो व रोगियों के रिश्ते को समझाते हुए बताया कि डाॅक्टरों को रोगियों से किस तरह का व्यवहार व रिश्ता बनाना चाहिए ताकि मरीज उपचार के दौरान हर प्रकार से चिंता-मुक्त व निश्चिंत रह सके। डाॅ. प्रतिभा सिंह ने कोड ऑफ मेडिकल एथिक्स के विषय में व्याख्यान दिया। डाॅ. हरिओम खण्डेलवाल ने लाईलाज, गंभीर व दर्दप्रद रोगों से पीड़ित रोगियों व उनकी इच्छा मृत्यु के अधिकार के कानून से अवगत कराया। डाॅ. सुमन बाला ने मनुष्यों पर किए जाने वालें मेडिकल प्रयोगों व राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की इस संबंध में दिशा- निर्देश के बारे में जानकारी दी। श्री मंहत इन्दिरेश अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डाॅ. उत्कर्ष शर्मा ने नाबालिग बच्चों के यौन उत्पीड़न को रोकने के कानून पाॅक्सो एक्ट को विस्तारपूर्वक समझाया। डाॅ. नम्रता सक्सेना नें मेडिकल टरमीनेशन ऑफ प्रैगनैन्सी व कृत्रिम गर्भधारण तकनीक के कानूनी एक्ट के बारे में जानकारी दी। डाॅ. सुमित मेहता ने मनोरोगियों के उपचार के बारे में संबंधित कानूनी एक्ट -2017 के विषय में बताया। डाॅ. नारायण जीत ने फोन द्वारा रोंगियों को परामर्श देने के विषय में नेशनल मेंडिकल काउंसिल द्वारा जारी दिशा- निर्देशों के बारे में जानकारी दी। डाॅ सीमा आचार्य ने गुड क्लीनिकल लैब प्रेक्टिस के विषय में मार्गदर्शन दिया। डाॅ. अंजली चौधरी ने पंजीकृत डाॅक्टरों के सोशल मीडिया (फेसबुक, यू-ट्यूब, इंस्टाग्राम आदि) पर सक्रिय होने पर व्यवहार से संबंधित नेशनल मेडिकल काउंसिल के दिशा-निर्देशों के विषय में जानकारी दी। डाॅ. पुनित ओहरी ने डाॅक्टरों के निरंतर व्यवसायिक विकास के विषय मे जानकारी दी। डाॅ. शाह आलम ने डाॅक्टरों को मेडिकल लापरवाही व उससे जुडे कानून के विषय में बताया। धन्यवाद प्रस्ताव डाॅ. अंजली चैधरी द्वारा दिया गया।

कार्यशाला में सौ से अधिक डाॅक्टरों, मेडिकल स्नाकोत्तर (पोस्ट-ग्रेजुएशन) व सुपर-स्पेशलिटी में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग किया। कार्यशाला का आयोजन इसके कार्यक्रम समन्वयक एसजीआरआरआईएम एण्डएचएस के उप प्राचार्य व विभागाध्यक्ष फाॅरैन्सिक मेडिसिन, डाॅ. ललित कुमार व मेडिकल शिक्षा ईकाई(एम.ई.यू.) के द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। इस अवसर पर डाॅ. भावना मलिक व डाॅ तरन्नुम शकील आदि भी उपस्थित थे ।

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