सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कंडीसौड़ ने विश्व रेबीज दिवस के अवसर पर किया जागरूकता गोष्ठी का आयोजन
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कंडीसौड़ ने विश्व रेबीज दिवस के अवसर पर किया जागरूकता गोष्ठी का आयोजन
कंडीसौड़(सुनील जुयाल)- विश्व हृदय दिवस एवं विश्व रेबीज दिवस के अवसर पर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र छाम में एक दिवसीय जागरूकता गोष्ठी का आयोजन किया गया।
जागरूकता गोष्ठी में स्वास्थ्य कर्मियों,पशु चिकित्साधिकारी एवं क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों ने भाग लिया। इस मौके पर चिकित्सा अधीक्षक डॉ.अभिलाषा ने बताया कि गोष्ठी का मुख्य उद्देश्य लोगों में स्वास्थ्य के प्रति जन जागरूकता पैदा करना है।
उन्होंने कहा कि ह्रदय रोग से बचाव के लिए सभी को सबसे पहले पोषण पर ध्यान देना,नियमित रूप से कसरत करना,ज्यादा तले हुए खाने से परहेज करना, जरूरत पड़ने पर कोलेस्ट्रॉल की जांच करना जरूरी है। उन्होंने बताया कि रेबीज वायरल जनित है जो कि जानवरों से इंसान में फैलता है। उन्होंने बताया कि रेबीज वायरल का मुख्य लक्षण बुखार आना,शरीर में दर्द होना,पानी से डर लगना है।
उन्होंने कहा कि ह्रदय रोग से बचाव के लिए सभी को सबसे पहले पोषण पर ध्यान देना,नियमित रूप से कसरत करना,ज्यादा तले हुए खाने से परहेज करना, जरूरत पड़ने पर कोलेस्ट्रॉल की जांच करना जरूरी है। उन्होंने बताया कि रेबीज वायरल जनित है जो कि जानवरों से इंसान में फैलता है। उन्होंने बताया कि रेबीज वायरल का मुख्य लक्षण बुखार आना,शरीर में दर्द होना,पानी से डर लगना है।
मुख्य चिकित्सा अधीक्षक ने बताया कि रेबीज मुख्य रूप से तीन कैटेगरी से फैलता है।
पहला अगर कुत्ता इंसान को चाट जाय या उसकी लार लग जाए तो शरीर के उस हिस्से को साबुन व बहते पानी से धोना चाहिए। दूसरा अगर कुत्ते के हमले के कारण किसी इंसान के शरीर में खरोंच आ जाती है और रक्त स्राव नहीं होता है, तो ऐसी स्थिति में उस स्थान पर घाव को बहते हुए पानी से करीब 15 मिनट तक धोना चाहिए और एन्टी़ रेबीज वैक्सीन लगानी चाहिए।
तीसरा अगर कुत्ते के हमले से गहरा घाव व रक्त स्राव होता है तो घाव को बहते पानी से अच्छे से धोना चाहिए और एंटी रेबीज के साथ साथ आई.जी. भी लगवाना चाहिए।
पशुचिकित्साधिकारी किशन कुमार तोमर ने कहा कि जो लोग पशुपालन से जुड़े हैं उन्हें एतिहात के तौर पर 6-6 माह के अन्तराल में शेड्यूल अनुसार एंटी रेबीज बूस्टर डोज के टीके लगवाने चाहिए ताकि उन्हें रेबीज की चपेट में आने से बचाया सके।
उन्होंने उपस्थित सभी जनप्रतिनिधियों एवं व समाज से जुड़े सभी जागरूक नागरिकों से अपने अपने स्तर से इसका व्यापक प्रचार प्रसार करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि कहीं पर भी जरूरत पड़ने पर हमारे द्वारा पूरा सहयोग किया जाएगा।
पहला अगर कुत्ता इंसान को चाट जाय या उसकी लार लग जाए तो शरीर के उस हिस्से को साबुन व बहते पानी से धोना चाहिए। दूसरा अगर कुत्ते के हमले के कारण किसी इंसान के शरीर में खरोंच आ जाती है और रक्त स्राव नहीं होता है, तो ऐसी स्थिति में उस स्थान पर घाव को बहते हुए पानी से करीब 15 मिनट तक धोना चाहिए और एन्टी़ रेबीज वैक्सीन लगानी चाहिए।
तीसरा अगर कुत्ते के हमले से गहरा घाव व रक्त स्राव होता है तो घाव को बहते पानी से अच्छे से धोना चाहिए और एंटी रेबीज के साथ साथ आई.जी. भी लगवाना चाहिए।
पशुचिकित्साधिकारी किशन कुमार तोमर ने कहा कि जो लोग पशुपालन से जुड़े हैं उन्हें एतिहात के तौर पर 6-6 माह के अन्तराल में शेड्यूल अनुसार एंटी रेबीज बूस्टर डोज के टीके लगवाने चाहिए ताकि उन्हें रेबीज की चपेट में आने से बचाया सके।
उन्होंने उपस्थित सभी जनप्रतिनिधियों एवं व समाज से जुड़े सभी जागरूक नागरिकों से अपने अपने स्तर से इसका व्यापक प्रचार प्रसार करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि कहीं पर भी जरूरत पड़ने पर हमारे द्वारा पूरा सहयोग किया जाएगा।
इस मौके पर ब्लाक प्रमुख थौलधार प्रभा बिष्ट,मंडल अध्यक्ष भाजपा रामचंद्र खंडूड़ी,क्षेत्र पंचायत सदस्य धनवीर पुरषोड़ा,प्रधान कडींसौड़ नीलम कुमाईं,प्रधान धरवालगांव बिरेंद्र अग्निहोत्री,डा.समीक्षा वर्मा,डा.इशा उनियाल,डा.रितिका रतूड़ी,डा.मयंक रमोला,फार्मेसी अधिकारी सुरेन्द्र पुरषोड़ा,मुकेश पुरषोड़ा,सुभाष , रमोला,दिनेश शाह,धनवीर कुमारी, प्रधान प्रतिनिधि मनोज खण्डू़ड़ी एवं समस्त अस्पताल कर्मी व स्थानीय लोग मौजूद रहे।