उत्तरकाशी का लाल लद्दाख बॉर्डर पर शहीद, सीएम धामी ने जताया शोक
उत्तरकाशी का लाल लद्दाख बॉर्डर पर शहीद, सीएम धामी ने जताया शोक
बड़कोट- उत्तरकाशी जनपद का लाल लद्दाख सीमा पर शहीद हो गए हैं। सेना के जवान की शहादत की सूचना मिलते ही घर में कोहराम मच गया है। क्षेत्र में शोक की लहर है। भारतीय सेना में लेह-लद्दाख बॉर्डर पर तैनात उत्तरकाशी जिले के तहसील बड़कोट सरनौल गांव का लाल श्रवण चौहान की अचानक तबियत से दर्दनाक मौत हो गई है जिससे क्षेत्र में मातम पसरा हुआ है।
बता दें कि श्रवण कुमार चौहान पुत्र शूरवीर सिंह चौहान भारतीय सेना की 14वीं बटालियन में लेह -लद्दाख बोर्डर में तैनात थे। गुरुवार को अचानक स्वास्थ्य खराब होने से सेना ने उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उपचार के दौरान उनका देहांत हो गया है।
उनके शहीद होने की खबर से पूरे क्षेत्र में मातम छा गया है। उनका पार्थिव शरीर शुक्रवार सुबह चंडीगढ़ पहुंचा है। चंडीगढ से भारतीय सेना के एंबुलेंस से सड़क मार्ग होते उनके पैतृक गांव सरनौल पार्थिव शरीर लाया जा रहा है। श्रवण के दो भाई अन्य भी भारतीय सेना में तैनात है।उनके माता पिता गांव में खेतिबाड़ी का कार्य करते है।शहीद श्रवण 2017 में भारतीय सेना में भर्ती हुए थे। 27 वर्षीय श्रवण के शहीद होने की सूचना पर गांव व क्षेत्र में मातम छाया हुआ है।श्रवण अविवाहित था।
उनके शहीद होने की खबर से पूरे क्षेत्र में मातम छा गया है। उनका पार्थिव शरीर शुक्रवार सुबह चंडीगढ़ पहुंचा है। चंडीगढ से भारतीय सेना के एंबुलेंस से सड़क मार्ग होते उनके पैतृक गांव सरनौल पार्थिव शरीर लाया जा रहा है। श्रवण के दो भाई अन्य भी भारतीय सेना में तैनात है।उनके माता पिता गांव में खेतिबाड़ी का कार्य करते है।शहीद श्रवण 2017 में भारतीय सेना में भर्ती हुए थे। 27 वर्षीय श्रवण के शहीद होने की सूचना पर गांव व क्षेत्र में मातम छाया हुआ है।श्रवण अविवाहित था।
सीएम धामी ने कहा कि लेह लद्दाख में माँ भारती की सेवा करते हुए विधानसभा यमुनोत्री के ग्राम सरनौल निवासी वीर श्रवण चौहान के शहीद होने का दुःखद समाचार प्राप्त हुआ। ईश्वर से प्रार्थना है कि पुण्यात्मा को श्रीचरणों में स्थान और शोकाकुल परिजनों को यह असीम दुःख सहन करने की शक्ति प्रदान करें। राष्ट्र की रक्षा के लिए दिया गया आपका सर्वोच्च बलिदान अविस्मरणीय है।